प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) | Pradhan Mantri Matra Vandana Yojana, गर्भावस्था सहायता योजना PMMVY मातृत्व वंदना|
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अनुसरण में देश के सभी जिलों में 01 जनवरी, 2017 से मातृत्व लाभ कार्यक्रम लागू हो गया है। इस कार्यक्रम का नाम ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ रखा गया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य संबंधी विशिष्ट शर्तों की पूर्ति पर परिवार में पहले जीवित बच्चे के लिए गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के खाते में सीधे 5,000/-रुपये की नकद राशि प्रोत्साहन स्वरुप प्रदान की जाएगी। पात्र लाभार्थी संस्था में प्रसव के बाद जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत मातृत्व लाभ के लिए अनुमोदित मानदंडो के अनुसार शेष राशि प्राप्त करेंगे ताकि औसतन हर महिला को 6,000/-रुपये प्राप्त हो।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उदेश्य:-
कमजोर आय वर्ग की महिलाएं आर्थिक तंगी के कारण गर्भावस्था के अंतिम दिनों के दौरान भी रोजगार से संबंधित कामों में लगी रहती हैं। बच्चे के जन्म के बाद भी पर्याप्त आराम के पहले ही काम करना शुरू कर देती हैं, जबकि उनका शरीर इसके लिए तैयार नहीं होता अत: इस योजना का मुख्य उदेश्य निम्न प्रकार है- मजदूरी की क्षति के बदले में नकद राशि को प्रोत्साहन के रूप में आंशिक क्षतिपूर्ति प्रदान करना ताकि महिलाएं पहले जीवित बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त विश्राम कर सके।
- प्रदान किए गए नकद प्रोत्साहन राशि से गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं में स्वस्थ्य रहने के आचरण में सुधार होगा
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में लक्षित लाभार्थी :-
दोस्तों योजना के पात्रता निम्न श्रेणी की महिला पात्र होगी -
- ऐसी गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को छोड़कर जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारी या सार्वजनिक उपक्रम के साथ नियमित रोजगार में है या जो वर्तमान में लागू किसी कानून के अंतर्गत समान लाभ प्राप्त कर रही है, सभी गर्भवती महिलाएं एवं स्तनपान कराने वाली माताएं।
- ‘‘प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना’’ (PMMVY) दिनांक 01.01.2017 से राज्य में प्रभावी होगी अर्थात दिनांक 01.01.2017 को या उसके पष्चात् प्रथम जीवित बच्चे से संबंधित समस्त गर्भवती महिलाएँ एवं धात्री माताएँ योजना में पात्र होंगी। इस योजना के तहत एक लाभार्थी केवल एक बार योजना के तहत सषर्त मातृत्व लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होगा।
- लाभार्थी के लिए गर्भधारण की तिथि तथा चरण की गणना एमसीपी कार्ड में यथाल्लेखित उस की पिछले माहवारी चक्र की तिथि के आधार पर की जाएगी।
- गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/आंगवाड़ी सहायिका/आशा भी योजना की शर्तों की पूर्ति के अधीन प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर सकती है |
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत देय लाभ:-
इस योजना के तहत मिलने वाला लाभ (सहायता राशी) किश्तों में मिलती है जो निम्न प्रकार है
- तीन किश्तों में नकद प्रोत्साहन राशि अर्थात संबंधित राज्य द्वारा संचालन हेतु आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भधारण का पंजीकरण कराने पर 1,000/-रुपये की पहली किश्त, कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने पर गर्भधारण के छह माह बाद 2,000/-रुपये की दूसरी किश्त और बच्चे के जन्म का पंजीकरण कराने तथा बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस बी या इसके समतुल्य/एवजी टीके का पहला चक्र लगवा लेने के बाद 2,000/-रुपये की तीसरी किश्त मिलेगी।
- पात्र लाभार्थी संस्था में प्रसव के लिए जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन प्राप्त करेंगे तथा जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्राप्त प्रोत्साहन की गणना मातृत्व लाभ के लिए की जाएगी ताकि औसतन हर महिला को 6,000/-रुपये मिले।
प्रोत्साहन राशि तथा भुगतान की शर्ते:-
- लाभार्थी विशिष्ट शर्तों की पूर्ति के अधीन तीन किश्तों में कुल 5,000/-रुपये का नकद प्रोत्साहन प्राप्त करेंगी
- भुगतान यथास्थिति लाभार्थी के बैंक/डाकघर खाते में, न कि पति/परिवार के सदस्य के खाते में/संयुक्त खाते में जमा किया जाएगा ।
- योजना के अंतर्गत तीन किश्तों के लिए शर्ते इस प्रकार हैृ
- पहली किश्त (गर्भधारण के समय से पंजीकरण के मामले में 1,000/-रुपये) एमसीपी कार्ड में गर्भधारण के समय से पंजीकरण का प्रमाण (एलएमपी की तिथि से 150 दिन के अंदर गर्भधारण का पंजीकरण) जो स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी/पदाधिकारी जिस की रैंक एएनएम से कम न हो, द्वारा विधिवत रूप से प्रमाणित हो
- दूसरी किश्त (गर्भधारण के छह माह बाद 2,000/- रूपये:- एमसीपी कार्ड पर लाभार्थी की कम से कम एक प्रसव-पूर्व जांच जो स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी/पदाधिकारी जिस की रैंक एएनएम से कम न हो, द्वारा विधिवत रूप से प्रमाणित हो ।
- तीसरी किश्त (नीचे लिखी शर्तों की पूर्ति पर 2,000/-रुपये):- बच्चे के जन्म का पंजीकरण कराया गया है। राज्य के किसी अधिकृत प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र बच्चे के जन्म के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा। इस बात का प्रमाण कि बच्चे ने बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी तथा हैप्पेटाइटिस बी या इसके समतुल्य/एवजी का पहला चक्र प्राप्त कर लिया है, एमसीपी कार्ड जो स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी/पदाधिकारी जिसकी रैंक एएनएम से कम न हो, द्वारा विधिवत रूप से प्रमाणित हो ।
4. टीकाकरण का कार्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई निम्न अनुसूची के अनुसार बच्चे के जन्म के वरीयता 14 सप्ताह के अंदर पूरा किया जाना है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पांचवे माह की शुरूआत में लाभार्थी के एमसीपी कार्ड की जांच यह तय करने के लिए करेगी कि शिशु को सभी टीके लगे है ।
लाभार्थियों को भुगतान:-
सभी पात्र लाभार्थी जिन्होने आवेदन किया है तथा शर्तों को पूरा करते है, सक्षम प्राधिकारी द्वारा
अनुमोदन पर अपने व्यक्तिगत बैंक/डाकघर खाते में, जो उनके आवेदन पत्र में लिखे है, प्रत्यक्ष लाभ
अंतरण के माध्यम से भुगतान प्राप्त करेगे जो इस प्रकार हैः-
- लाभों का अंतरण केवल बैंक/ डाकघर खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से होगा ।
- नकद या चैक के रूप में कोई संवितरण नहीं होगा ।
- बैंक तथा डाकघर जो पीएफएमएस से जुड़े है, के माध्यम से धन का अंतरण होगा
गर्भपात/मृत जन्म/ शिशु मृत्यु के मामले में नियम:-
दोस्तों Pradhan Mantri Vandana Yojana (PMMVY) का फायदा पहली बार मां बनने वाली महिला या पहले जीवित बच्चे के मामले में ही मिलता है। वास्तव में यह योजना किसी एक महिला को एक बार ही मदद की सभी किस्तें पाने का हक देती है। गर्भपात/मृत जन्म या शिशु मृत्यु की स्थिति में निम्नलिखित तरीकों से लागू होंगे—
गर्भपात/मृत जन्म का मामला:-
- लाभार्थी योजना के अंतर्गत केवल एक बार लाभ प्राप्त करने के पात्र है ।
- गर्भपात/मतृ जन्म के मामले में लाभार्थी किसी भावी गर्भधारण की स्थिति मे शेष किश्त (किश्तों) का दावा करने के लिए पात्र होंगे ।
- इस प्रकार पहली किश्त प्राप्त करने के बाद यदि लाभार्थी का गर्भपात हो जाता है तो वह पात्रता के मानदंडो एवं योजना की शर्तों की पूर्ति के अधीन भावी गर्भधारण की स्थिति में केवल दूसरी एवं तीसरी किश्त प्राप्त करने की पात्र होगी। इसी तरह यदि पहली और दूसरी किश्त प्राप्त करने के बाद लाभार्थी का गर्भपात हो जाता है या मृत शिशु का जन्म होता है तो वह पात्रता के मानदंडो एवं योजना की शर्तों की पूर्ति के अधीन भावी गर्भधारण की स्थिति में तीसरी किश्त प्राप्त करने की पात्र होगी ।
शिशु मृत्यु का मामला:-
लाभार्थी योजना के अंतर्गत केवल एक बार लाभ प्राप्त करने के पात्र है अर्थात शिशु की मृत्यु हो जाने की स्थिति में वह योजना के अंतर्गत लाभों का दावा करने की पात्र नहीं होगी, यदि उसने पीएमएमवीवाई के अंतर्गत पहले ही मातृत्व लाभ की सभी किश्ते प्राप्त कर ली है ।
लाभ के लिए कैसे पंजीकरण करे की प्रक्रिया:-
मामलों को प्रोसेस करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाएगी ताकि भुगतान जल्दी और सुरक्षित हो। इससे योजना के अंतर्गत शर्ते पूरी होने तथा पूर्ण विवरण के साथ दावे की प्रस्तुति एवं पंजीकरण होने के अधिकतमः 30 दिन के अंदर पात्र लाभार्थी के खाते में किश्त का भुगतान होगा।
योजना के अंतर्गत पंजीकरण:-
- मातृत्व लाभ प्राप्त करने की इच्छुक पात्र महिलाओं राज्य के आंगनबाड़ी केंद्र में योजना के अंतर्गत पंजीकरण करायेगीं।
- पंजीकरण के लिए लाभार्थी स्वयं तथा अपने पति द्वारा विधिवत रूप से हस्ताक्षरित वचन पत्र/सहमति पत्र तथा आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित आवेदन फॉर्म 1।, जो हर दृष्टि से पूर्ण हो, आंगनबाड़ी केंद्र में प्रस्तुत करेंगे। फॉर्म प्रस्तुत करते समय लाभार्थियों से योजना में आधार प्रयोग करने पर लाभार्थी एवं उसे पति का लिखित सहमति, अपना/पति/परिवार के सदस्य का मोबाइल नम्बर तथा अपने (लाभार्थी) बैंक/डाकघर खाते का ब्यौरा प्रस्तुत करने की अपेक्षा होगी ।
- आंगनबाड़ी केंद्र से निर्धारित फॉर्म निःशुल्क प्राप्त किए जा सकते है। फॉर्म महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट(https://wcd.nic.in/) से भी डाउनलोड किए जा सकते है।
- लाभार्थियों से पंजीकरण तथा किश्त के दावे के लिए योजना के अंतर्गत निर्धारित फॉर्म भरने तथा आंगनबाड़ी केंद्र में उसे जमा करने की अपेक्षा होगी। लाभार्थी को चाहिए कि वे रिकार्ड तथा भावी सन्दर्भ के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पावती ले।
फॉर्म भरने के लिए संक्षिप्त अनुदेश:-
- पंजीकरण तथा पहली किश्त का दावा करने के लिए, एमसीपी कार्ड (जच्चा-बच्चा संरक्षण कार्ड), लाभार्थी एवं उसके पति के पहचान के प्रमाण/दोनों का आधार कार्ड या अनुमत वैकिल्पक पहचान पत्र ( ), की प्रति तथा लाभार्थी के बैंक/डाकघर खाते के विवरणों के साथ विधिवत रूप से भरा गया फॉर्म 1 ए प्रस्तुत करना होगा।
- दूसरी किश्त का दावा करने के लिए, लाभार्थी से गर्भधारण के 6 माह बाद कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच को दर्शाने वाले एमसीपी कार्ड की प्रतिलिपि के साथ विधिवत रूप से भरा गया फॉर्म-1 बी प्रस्तुत करना होगा।
- तीसरी किश्त का दावा करने के लिए, लाभार्थी से बच्चे के जन्म के पंजीकरण की प्रति तथा एमसीपी कार्ड जिसमें दर्शाया गया हो कि बच्चे ने टीकाकरण का पहला चक्र या इसके समतुल्य/एवजी प्राप्त कर ली है, की प्रति के साथ विधिवत रूप से भरा गया फॉर्म-1 सी प्रस्तुत करना होगा।
- यदि लाभार्थी ने योजना के अंतर्गत निर्धारित शर्तों का अनुपालन किया है परंतु निर्धारित समय के अंदर पंजीकरण नहीं करा पायी है/दावा प्रस्तुत नहीं कर पायी है तो वह बिन्दु 17 में निर्धारित ढंग से दावा (दावे) प्रस्तुत कर सकती है ।
- यदि पहले से बैंक/पोस्ट आफिस खाता लाभार्थी के नाम नहीं है तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थी का आधार से जुड़ा बैंक/डाकघर खाता खुलवाने में सहायता प्रदान करेगी। यदि पहले से ही उसके नाम खाता है तो विद्यमान बैंक/डाकघर खाते के साथ आधार नम्बर नहीं जुड़ा है तो उसे आधार से जोड़ने में मदद करेगी।
- यदि पहले से बैंक/पोस्ट आफिस खाता लाभार्थी के नाम नहीं है तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थी का आधार से जुड़ा बैंक/डाकघर खाता खुलवाने में सहायता प्रदान करेगी। यदि पहले से ही उसके नाम खाता है तो विद्यमान बैंक/डाकघर खाते के साथ आधार नम्बर नहीं जुड़ा है तो उसे आधार से जोड़ने में मदद करेगी।
- लाभार्थी अपने आधार के साथ अपने डाकघर खाते को जोड़ने के लिए फॉर्म-2बी प्रस्तुत कर सकते है, यदि खाता पहले से आधार से नहीं जुड़ा है ।
- लाभार्थियों का आधार नम्बर न होने पर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बैंक/डाकघर खाता खुलवाने का सुनिश्चय करेंगी और आधार कार्ड प्राप्त करने में सहायता प्रदान करेंगी ।
- लाभार्थी/उसका पति आधार के लिए पंजीकरण अथवा यूआईडीएआई के साथ पंजीकृत विवरणों को अपडेट करने के लिए फॉर्म-2 सी प्रस्तुत कर सकते है ।
- लाभार्थी निम्नलिखित परिस्थतियों में योजना के अंतर्गत पंजीकृत विवरणों को अपडेट करने/परिवतिर्त करने के लिए फॉर्म-3 प्रस्तुत कर सकते हैः-
- पता और/या मोबाइल नम्बर में परिवर्तन।
- लाभार्थी या उसके पति के आधार नम्बर को शामिल करना यदि पंजीकरण के समय यह प्रदान नहीं किया गया है।
- बैंक/डाकघर खाते में परिवर्तन।
- आधार की तरह नाम में परिवर्तन ।
11. पुरानी मातृत्व सहयोग योजना योजना के अंतर्गत पहले से ही पंजीकृत तथा केवल पहली किश्त प्राप्त करने वाले लाभार्थी पात्रता तथा शर्तों की पूर्ति के अधीन पीएमएमवीवाई के अंतर्गत तीसरी किश्त का दावा करने के लिए विधिवत रूप से भरा गया फॉर्म-1 ए और फॉर्म-1 सी प्रस्तुत कर सकती है ।
12 .यदि लाभार्थी और/या उसके पति का आधार कार्ड न हो तो वे आधार की आईडी नम्बर प्रदान कर सकते है या फॉर्म-1ए में पहचान के किसी प्रमाण के साथ आधार नामांकन (फॉर्म-2 सी) के लिए अपना अनुरोध दर्ज करा सकते है ।
सामान्य अनुदेश:-
- लाभार्थी एवं उसके पति से तीसरी किश्त जिसके लिए लाभार्थी एवं उसके पति के आधार नम्बर अनिवार्य है, के लिए हकदार बनने हेतु राज्य के कार्यान्वयन विभाग की सुगमता के माध्यम से अथवा स्वयं आधार के लिए पंजीकरण कराने की अपेक्षा है। योजना के अंतर्गत वैकिल्पक आई डी प्रदान करने वाले किसी के लिए योजना के अंतर्गत पंजीकरण की तिथि से 90 दिन के अंदर आधार के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है ।
- लाभार्थी के गर्भधारण की गणना एमसीपी कार्ड में उल्लेखित उस की पिछली माहवारी चक्र की तिथि के आधार पर की जाएगी ।
- पीएमएमवीवाई के अंतर्गत पंजीकृत प्रत्येक लाभार्थी बस्ती के आंगनबाड़ी केंद्र/आशा/एएनएम से ममता कार्ड (जच्चा- बच्चा संरक्षण (एमसीपी) कार्ड) प्राप्त करेंगे। भुगतान के लिए शर्त (शर्तों) के सत्यापन के माध्यम के रूप में एमसीपी कार्ड का प्रयोग किया जाएगा ।
पहली किश्त के लिए दावे के प्रक्रिया:-
- पहली किश्त का दावा करने के लिए लाभार्थी आंगनबाड़ी केंद्र में जरूरी दस्तावेजों के साथ विधिवत रूप से भरा गया फॉर्म-1 ए जमा करेंगे ।.
- योजना के अंतर्गत पहली किश्त का दावा करने के लिए लाभार्थी तभी पात्र होंगे जब वे आंगनबाड़ी केंद्र में अथवा आशा/एएनएम के यहां एलएमपी तिथि (एमसीपी कार्ड पर दोनों तिथियों का उल्लेख होता है) से 5 माह (अर्थात 150 दिन) की समय-सीमा के अंदर अपने गर्भधारण का पंजीकरण कराएंगे ।
- लाभार्थियों को लाभों के संवितरण के लिए प्रक्रिया का कार्य आंगनबाड़ी केंद्र/गांव/अनुमोदित स्वास्थ्य सेवा केंद्र में पंजीकरण की तिथि से 30 दिन पहले पूरा कर लिया जाएगा ताकि योजना के अंतर्गत पंजीकरण की तिथि से 30 दिन के अंदर लाभार्थियों को लाभों का अंतरण हो सके।
- पीएमएमवीवाई के अंतर्गत लाभ लेने के इच्छुक व्यक्ति अपेक्षित दस्तावेजों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को फॉर्म-1 ए में शर्तों की पूर्ति तथा पंजीकरण फॉर्म में यथा निर्धारित विवरण प्रस्तुत करेंगे ।
- पूर्ण आवेदन पत्र तथा अपेक्षित दस्तावेज प्राप्त होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थी को पीएमएमवीवाई के अंतर्गत पंजीकृत करेगी तथा एक सप्ताह के अंदर पर्यवेक्षक को विवरण भेजेगी ।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से प्राप्त प्रस्ताव की पर्यवेक्षक द्वारा समेकित रूप में जांच की जाएगी तथा भुगतान/प्रक्रिया/ऑनलाइन पंजीकरण के लिए उसे हर सप्ताह संबंधित सीडीपीओ को प्रस्तुत किया जाएगा ।
दूसरी किश्त के लिए दावे के प्रक्रिया:-
- दूसरी किश्त का दावा करने के लिए लाभार्थी अपेक्षित दस्तावेजों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को विधिवत रूप से भरा गया फॉर्म-1 बी प्रस्तुत करेंगे ।
- लाभार्थी अपेक्षित दस्तावेजों की छाया प्रतियों के साथ फॉर्म-1 बी में शर्तों की पूर्ति का प्रमाण प्रस्तुत करेंगे ।
- दावे का पूर्ण फॉर्म तथा अपेक्षित दस्तावेज प्राप्त होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मातृत्व लाभ की दूसरी किश्त के संवितरण की प्रक्रिया हेतु एक सप्ताह के अंदर पर्यवेक्षक को विवरण भेजेगी ।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से प्राप्त प्रस्ताव की पर्यवेक्षक द्वारा समेकित रूप में जांच की जाएगी तथा भुगतान/प्रक्रिया के लिए उसे हर सप्ताह संबंधित सीडीपीओ को प्रस्तुत किया जाएगा।
- लाभार्थियों को मातृत्व लाभ की दूसरी किश्त के संवितरण की प्रक्रिया शर्तों की पूर्ति के प्रमाण से संबंधित फॉर्म-1 बी में दावा प्राप्त होने की तिथि से 30 दिन पहले पूरी की जाएगी ।
तीसरी किश्त के लिए दावे के प्रक्रिया:-
- इस किश्त का दावा करने के लिए लाभार्थी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को जरूरी दस्तावेजों के साथ विधिवत रूप से भरा गया फॉर्म-1 सी प्रस्तुत करेंगे ।
- लाभार्थी अपेक्षित दस्तावेजों की छाया प्रतियों के साथ फॉर्म-1 सी में शर्तों की पूर्ति का प्रमाण प्रस्तुत करेंगे ।
- पीएमएमवीवाई के अंतर्गत यह किश्त प्राप्त करने हेतु पात्र बनने के लिए लाभार्थी के लिए अपना और अपने पति का आधार नम्बर प्रस्तुत करना अनिवार्य है, यदि पहले प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
- दावे का पूर्ण फॉर्म तथा अपेक्षित दस्तावेज प्राप्त होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मातृत्व लाभ की तीसरी किश्त के संवितरण की प्रक्रिया करने हेतु एक सप्ताह के अंदर पर्यवेक्षक को विवरण भेजेगी ।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से प्राप्त प्रस्ताव की पर्यवेक्षक द्वारा समेकित रूप में जांच की जाएगी तथा भुगतान/प्रक्रिया के लिए उसे हर सप्ताह संबंधी सीडीपीओ को प्रस्तुत किया जाएगा।
- लाभार्थी को मातृत्व लाभ की तीसरी किश्त के संवितरण के लिए प्रक्रिया का कार्य शर्तों की पूर्ति के प्रमाण से संबंधी फॉर्म-1 सी में दावा प्राप्त होने की तिथि से 30 दिन पहले पूरा कर लिया जाएगा ।
Pradhan Mantri Vandana Yojana (PMMVY) योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज:-
आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज जमा किए जाने आवश्यक हैं
- आधार कार्ड की फोटोकॉपी: लाभार्थी महिला और उसके पति के Aadhaar Card की फोटोकॉपी संलग्न करनी होती है । आधार न होने पर उसके लिए आवेदन के बाद मिली आधार नामांकन संख्या (Aadhaar Enrollment ID-EID दर्ज करनी होगी और पहचान प्रमाण का कोई अन्य वैध दस्तावेज (Valid Document) उपलब्ध कराना होगा।
- बैंक या पोस्ट ऑफिस खाता की पासबुक: लाभार्थी महिला के बैंक अकाउंट या डाकघर अकाउंट की फोटोयुक्त पासबुक की फोटोकॉपी।।
- आधार न होने पर पहचान संबंधी अन्य विकल्प: लाभार्थी महिला व उसके पति, जिसका भी आधार नंबर उपलब्ध नहीं हो सका है, उसे अपनी पहचान प्रमाण के लिए रूप में निम्नलिखित में से किसी एक दस्तावेज की फोटोकॉपी संलग्न कर सकते हैं—
- मतदाता पहचान पत्र
- राशन कार्ड
- किसान फोटो पासबुक
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड
- मनरेगा जॉब कार्ड
- सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम द्वारा जारी कर्मचारी फोटो पहचान-पत्र
- राज्य सरकार या संघ शासित प्रशासन द्वारा जारी अन्य कोई प्रमाण पत्र
- राजपत्रित अधिकारी द्वारा शासकीय लैटर हैड पर जारी किया गया फोटो सहित पहचान प्रमाण पत्र
- प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा या सरकारी अस्पताल द्वारा जारी किया गया स्वास्थ्य कार्ड
- राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा निर्दिष्ट अन्य कोई दस्तावेज।
Pradhan Mantri Vandana Yojana (PMMVY) योजना के लिए आवश्यक फॉर्म:-
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