निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल योजना, श्रमिको के पुत्र/पुत्री के लिए छात्रवृति योजना, शिक्षा व कौशल योजना, Labour Scholarship Yojana, Labour Department Education Help
दोस्तों यह योजना निर्माण श्रमिको के लिए मील का पत्थर योजना साबित हुई है इस योजना के तहत श्रमिको के पुत्र/पुत्रियो आदि के लिए शिक्षा हेतु सहायता राशि दी जाती है|
निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना हेतु पात्रता:-
1 मण्डल में
हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक होय
2 हिताधिकारी के
पुत्र/पुत्री/पत्नि ही शिक्षा सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के लिए पात्र होंगे;
3 हिताधिकारी की
अधिकतम दो संतान अथवा एक संतान एवं पत्नी को ही छात्रवृत्ति प्राप्त करने की
पात्रता होगी, परन्तु यदि पति-पत्नि दोनों
पंजीबद्ध हिताधिकारी हों तो पति-पत्नि के अधिकतम दो बच्चों को छात्रवृत्ति की
पात्रता होगी। परन्तु मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार के लिए कोई सीमा नहीं
होगी;
4 कक्षा 6 से स्नातकोत्तर स्तर की कक्षा
में सरकारी या केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूल या
महाविद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत हो; अथवा
5 राज्य में
संचालित सरकारी या मान्य निजी आईटीआई एवं पॉलीटेक्नीक पाठ्यक्रम में नियमित
अध्ययनरत हो;
6 मेधावी
छात्र-छात्रा द्वारा नगद पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कक्षा 8 से 12 वीं तक की परीक्षा 7 % अंक या समकक्ष ग्रेड में उत्तीर्ण
की हो। डिप्लोमा, स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की
परीक्षा में (चिकित्सा, इंजिनियरिंग या अन्य प्रोफेशनल
परीक्षा सहित) 60 प्रतिशत या अधिक अंक या समकक्ष
ग्रेड प्राप्त की हो/उत्तीर्ण की हो;
7 हिताधिकारी की पत्नि को छात्रवृत्ति की पात्रता के लिए उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक न हो तथा शिक्षण संस्था में नियमित अध्ययनरत हो;
8 किसी वर्ष के
लिए छात्रवृत्ति सुसंगत परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने पश्चात् ही देय होगी;
9 ग्रीष्म अवकाश
के बाद शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था खुलने पर छात्र/छात्रा द्वारा आगामी कक्षा में प्रवेश
प्राप्त करने पर ही छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु 12वीं कक्षा, डिप्लोमा, स्नातक अथवा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम
की अन्तिम परीक्षा उत्तीर्ण करने की स्थिति में आगामी कक्षा में प्रवेष लेना
आवष्यक नहीं होगा;
10 अधिनियम की धारा 17 तथा नियम, 2009 के नियम 45 के प्रावधानानुसार जो हिताधिकारी
लगातार एक वर्ष की कालावधि तक अंशदान जमा नहीं करता है तो वह हिताधिकारी
नहीं रहेगा, अतः ऐसे अंशदान के जमा कराने में
चूक करने वाले निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्री/पत्नि को योजना के अंतर्गत
छात्रवृत्ति देय नहीं होगी। परन्तु उपरोक्त धारा एवं नियम के परन्तुक के अधीन
हिताधिकार पुनर्स्थापन (restoration) होने पर छात्रवृत्ति का भुगतान
किया जायेगा।
Benefits of the Scheme
छात्रवृति
1 कक्षा 6 -8
छात्र – रु 8000/-
छात्रा / विशेष
योग्यजन – रु 9000/-
2 कक्षा 9 -12
छात्र – रु 9000/-
छात्रा / विशेष
योग्यजन – रु 10000/-
3 आई टी आई
छात्र – रु 9000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 10000/-
4 डिप्लोमा
छात्र – रु 10000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 11000/-
5 स्नातक (सामान्य)
छात्र – रु 13000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 15000/-
6 स्नातक (प्रॉफेश्नल)*
छात्र – रु 18000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 20000/-
7 स्नातकोत्तर (सामान्य)
छात्र – रु 15000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 17000/-
8 स्नातकोत्तर
(प्रॉफेश्नल)
छात्र – रु 23000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 25000/-
मेधावी छात्र/छात्राओं को नकद पुरस्कार
1 कक्षा 8 से 10 – रु. 4000/-
2 कक्षा 11 से 12 – रु. 6000/-
3 डिप्लोमा – रु. 10000/-
4 स्नातक – रु. 8000/-
5 स्नातकोत्तर – रु. 12000/-
6 स्नातक (प्रॉफेश्नल) – रु. 25000/-
7 स्नातकोत्तर
(प्रॉफेश्नल) – रु. 35000/-
निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना योजना कैसे प्राप्त करे
1 प्रत्येक छात्र/छात्रा को छात्रवृत्ति पाने हेतु
निर्धारित प्रपत्र (प्रपत्र-1) में आवेदन पत्र भरकर
स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के
अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा।
2 निर्धारित समयावधि में आवेदन पत्र ऑनलाइन भी प्रस्तुत
किया जा सकेगा।
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- आवेदन पत्र
कक्षा उतीर्ण करने की तिथि से अधिकतम् 6 माह की अवधि में
अथवा तत्पश्चात् आने वाली 31 मार्च तक, जो भी बाद में हो, प्रस्तुत किया जा
सकेगा।
4 उपरोक्तानुसार आवश्यक दस्तावेजों सहित प्रस्तुत आवेदन पत्रों के परीक्षण
उपरांत स्थानीय श्रम कार्यालय के वरिष्ठतम अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत
अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के अधिकारी द्वारा स्वीकृति जारी कर छात्रवृत्ति
हिताधिकारी के बैंक खाते में इलैक्ट्रोनिक माध्यम (आरटीजीएस/ एनईएफटी) से अथवा
अकाउण्ट पेयी चैक के माध्यम से भुगतान की जायेगी।
How
To Apply:
उपरोक्त स्कीम का आवेदन आप अपना
अकाउंट https://sso.rajasthan.gov.in/ पर
Create कर LDMS पोर्टल
से या नजदीकी emitra से कर सकते है
Download
Form From
For Detail..........................................................
1.1 यह योजना ‘‘निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना‘‘ कहलाएगी। यह योजना भवन और
अन्य संनिर्माण श्रमिक (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 22(1)(ई)
सपठित राजस्थान नियम, 2009 के नियम 57 तथा 58 के अंतर्गत प्रवर्तित की जाती है।
1.2 इस योजना का उद्देश्य मण्डल की शिक्षा व कौशल विकास की विद्यमान 3 योजनाओं (शिक्षा
सहायता (छात्रवृत्ति) योजना, मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार योजना तथा कौशल शक्ति
योजना) को एकीकृत कर तथा देय हितलाभ में अभिवृद्धि कर निर्माण श्रमिकों/हिताधिकारियों के
बच्चों की शिक्षा व कौशल विकास को प्रोत्साहित करने की एकीकृत योजना बनाकर लागू करना है।
1.3 यह योजना सम्पूर्ण राजस्थान राज्य में प्रभावशील होगी।
1.4 यह योजना 01 जनवरी, 2016 से प्रभावी होगी।
2. परिभाषाएँ -
इस योजना में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो-
2.1 ’’अधिनियम‘‘ का आशय भवन और अन्य संनिर्माण श्रमिक (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन)
अधिनियम, 1996 (1996 का 27) से अभिप्रेत है;
2.2 ’’नियम, 2009, का आशय राजस्थान भवन और संनिर्माण श्रमिक (नियोजन तथा सेवा शर्ताें का नियमन)
नियम,2009 से अभिप्रेत है;
2.3 ’’मण्डल‘‘ का आशय धारा 18 की उपधारा (1) के अधीन गठित भवन और अन्य संनिर्माण श्रमिक
कल्याण मण्डल, राजस्थान से अभिप्रेत है;
2.4 ’’सचिव‘‘ का आशय अधिनियम की धारा 19 के अधीन नियुक्त मण्डल के सचिव से अभिप्रेत है ;
2.5 ’’शिक्षा स्तर‘‘ का तात्पर्य कक्षा पहली से स्नातक तथा स्नातकोत्तर तक की कक्षाओं से अभिप्रेत है।
प्राथमिक स्तर में कक्षा 1 से 5 तक, उच्च प्राथमिक स्तर कक्षा 6 से 8वीं तक, माध्यमिक शिक्षा में कक्षा
9 से 10वीं तक, उच्च माध्यमिक में कक्षा 11वीं से 12वीं तक, स्नातक स्तर में बी.ए., काॅम, बी.एस.सी,
बी.ई., एम.बी.बी.एस. तथा अन्य सभी स्नातक पाठ्यक्रम, स्नातकोत्तर स्तर में एम.ए., एम.काॅम, एम.एस.सी.
, एम.ई, एम.डी., एम.एस. एम.सी.ए. आदि पाठ्यक्रम तथा आईटीआई व डिप्लोमा एवं अन्य समकक्ष
पाठ्यक्रम आदि शामिल है।
2.6 ‘‘डिप्लोमा‘‘ से आशय पाॅलिटेक्नीक, इंजीनियरिंग तथा अन्य डिप्लोमा से है तथा प्रोफेशनल कोर्स से
आशय चिकित्सा, अभियांत्रिकी, बीई, बीटेक, एमबीए, एमडी, एमएस, एमटेक, एमसीए आदि कोर्स से है।
2.7 जिन डिप्लोमा पाठ्यक्रमों/कोर्सेज में दाखिला लेने की न्यूनतम् शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा निर्धारित
है, उनके लिए डिप्लोमा स्तर की छात्रवृत्ति देय होगी तथा जिन डिप्लोमा या डिग्री पाठ्यक्रमों/कोर्सेज
में दाखिला लेने की न्यूनतम् शैक्षणिक योग्यता, स्नातक या स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण करना निर्धारित है,
उनके लिए क्रमषः स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की छात्रवृत्ति देय होगी।
2.8 ’’छात्र‘‘ का तात्पर्य उन छात्र/छात्राओं से है जो किसी शासकीय शिक्षण संस्था में या केन्द्र/राज्य
शासन से मान्यता प्राप्त गैर-शासकीय/निजी शिक्षण संस्थान में अध्ययन कर रहे हैं;
2.9 विशेष योग्यजन से आशय Persons With Disabilities (Equal Opportunities, Protection of Rights and
Full Participation) Act, 1995 तथा तदन्तर्गत बनाये गये नियमों में यथा परिभाषित विशेष योग्यजन से
है।
2.10 ’’शिक्षण संस्था‘‘ का आशय, शासकीय तथा केन्द्र/राज्य शासन से मान्यता प्राप्त गैर-शासकीय/निजी
शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था, जिसके अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक, डिप्लोमा आदि का
शिक्षण/प्रशिक्षण कार्य संचालित किया जाता है, अभिप्रेत है।
2.11 ’’परिभाषित न किये गये शब्दों का निर्वचन‘‘ उन शब्दों या पदों के संबंध में जो इस योजना में
परिभाषित नहीं किए गए हैं, किन्तु अधिनियम/राज्य नियम 2009 में
4. पात्रता एवं शर्तें -
इस योजना में छात्रवृति/प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए निम्न पात्रता व शर्तें निर्धारित की जाती
हैः-
4.1 मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक होय
4.2 हिताधिकारी के पुत्र/पुत्री/पत्नि ही शिक्षा सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के लिए पात्र होंगे;
4.3 हिताधिकारी की अधिकतम दो संतान अथवा एक संतान एवं पत्नी को ही छात्रवृत्ति प्राप्त करने की
पात्रता होगी, परन्तु यदि पति-पत्नि दोनों पंजीबद्ध हिताधिकारी हों तो पति-पत्नि के अधिकतम दो
बच्चों को छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार के लिए कोई
सीमा नहीं होगी;
4.4 कक्षा 6 से स्नातकोत्तर स्तर की कक्षा में सरकारी या केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी
स्कूल या महाविद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत हो; अथवा 4.5 राज्य में संचालित सरकारी या मान्य निजी आईटीआई एवं पाॅलीटेक्नीक पाठ्यक्रम में नियमित अध्ययनरत हो
4.6 मेधावी छात्र-छात्रा द्वारा नगद पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कक्षा 8 से 12 वीं तक की परीक्षा 75 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड में उत्तीर्ण की हो। डिप्लोमा, स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षा में (चिकित्सा, इंजिनियरिंग या अन्य प्रोफेशनल परीक्षा सहित) 60 प्रतिशत या अधिक अंक या समकक्ष ग्रेड प्राप्त की हो/उत्तीर्ण की हो;
4.7 हिताधिकारी की पत्नि को छात्रवृत्ति की पात्रता के लिए उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक न हो तथा शिक्षण संस्था में नियमित अध्ययनरत हो;
4.8 किसी वर्ष के लिए छात्रवृत्ति सुसंगत परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने पश्चात् ही देय होगी;
4.9 ग्रीष्म अवकाश के बाद शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था खुलने पर छात्र/छात्रा द्वारा आगामी कक्षा में प्रवेश प्राप्त
करने पर ही छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु 12वीं कक्षा, डिप्लोमा, स्नातक अथवा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की अन्तिम परीक्षा उत्तीर्ण करने की स्थिति में आगामी कक्षा में प्रवेष लेना आवष्यक नहीं होगा;
4.10 अधिनियम की धारा 17 तथा नियम, 2009 के नियम 45 के प्रावधानानुसार जो हिताधिकारी लगातार
एक वर्ष की कालावधि तक अंशदान जमा नहीं करता है तो वह हिताधिकारी नहीं रहेगा, अतः ऐसे
अंशदान के जमा कराने में चूक करने वाले निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्री/पत्नि को योजना के अंतर्गत
छात्रवृत्ति देय नहीं होगी। परन्तु उपरोक्त धारा एवं नियम के परन्तुक के अधीन हिताधिकार पुनार्स्थापन पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जायेगा।
5. आवेदन की समय-सीमा तथा स्वीकृति की प्रक्रिया -
5.1 प्रत्येक छात्र/छात्रा को छात्रवृत्ति पाने हेतु निर्धारित प्रपत्र (प्रपत्र-1) में आवेदन पत्र भरकर स्थानीय श्रम
कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में
प्रस्तुत करना होगा।
5.2 निर्धारित समयावधि में आवेदन पत्र आॅनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
5.3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- आवेदन पत्र कक्षा उतीर्ण करने की तिथि से अधिकतम् 6 माह
की अवधि में अथवा तत्पश्चात् आने वाली 31 मार्च तक, जो भी बाद में हो, प्रस्तुत किया जा सकेगा।
5.4 उपरोक्तानुसार आवश्यक दस्तावेजों सहित प्रस्तुत आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरांत स्थानीय श्रम
कार्यालय के वरिष्ठतम अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के
अधिकारी द्वारा स्वीकृति जारी कर छात्रवृत्ति हिताधिकारी के बैंक खाते में इलैक्ट्रोनिक माध्यम
(आरटीजीएस/ एनईएफटी) से अथवा अकाउण्ट पेयी चैक के माध्यम से भुगतान की जायेगी।
6. आवेदन के साथ संलग्न किये जाने वाले दस्तावेज -
निर्धारित प्रपत्र मे ं पूर े भरे हुए व सभी पूर्ति किये हएु आवेदन पत्र के साथ निम्न दस्तावेज सलं ग्न किया
जाना आवश्यक होगाः-
6.1 हिताधिकारी के पंजीयन परिचय-पत्र की प्रति।
6.2 हिताधिकारी के बैंक खाते की पासबुक के प्रथम पृष्ठ (जिसमें हिताधिकारी का नाम, बैंक खाता संख्या व
आईएफएससी कोड अंकित हो) की प्रति।
6.3 हिताधिकारी के आधार कार्ड तथा भामाशाह कार्ड की प्रति। (वैकल्पिक)
6.4 जिस कक्षा या कोर्स के लिए छात्रवृति चाही गई है, उसकी अंकतालिका की स्व प्रमाणित प्रति।
6.5 शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था के प्रधान द्वारा प्रपत्र के निर्धारित काॅलम में हस्ताक्षर एवं मुहर लगाया जाना
आवश्यक है।
विशेषः- सक्षम अधिकारी/कार्यालय द्वारा अपूर्ण आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जायेंगे तथा आवेदक
को उसी समय वांछित पूर्ति के लिए लौटा दिये जायेंगे।
7 Comments
Useful Information Good
ReplyDeleteThank
Deleteldms mai medhavi chhatro ko nakad puraskar rashi kis prakar milengi.bank account ke madhyam se ya or kisi prakar se please reply
ReplyDeleteUPBOCW UP portal for UPBOCW श्रमिक पंजीयन कार्ड
ReplyDeleteUPSSB पर भी श्रमिक पंजीकरण शुरु हो चुका है
ReplyDeleteयह लेख वास्तव में उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहा है। बहुमूल्य जानकारी और सूचनात्मक पोस्ट के लिए धन्यवाद। साथ ही ehrms मानव संपदा portal सभी विवरण देखें।
ReplyDeleteGreat Post i like this post UPBOCW
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