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BIRTH CERTIFICATE, DEATH CERTIFICATE AND MARRIAGE CERTIFICATE GUIDELINES

जन्म-मृत्यु और विवाह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की जानकारी 

जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन | विवाह रजिस्ट्रेशन | जन्म प्रमाण पत्र दिशा निर्देश | मृत्यु प्रमाण पत्र दिशानिर्देश | विवाह प्रमाण पत्र दिशानिर्देश | BIRTH CERTIFICATE GUIDELINES | DEATH CERTIFICATE GUIDELINES | MARRIAGE CERTIFICATE GUIDELINES |    जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन अधिनियम |



  1. जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1969 और राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2000 एंव राजस्थान विवाहों का अनिवार्य  रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 2009 के तहत राज्य मे जन्म-मृत्यु एंव विवाह का रजिस्ट्रीकरण कराना कानूनन अनिवार्य है|
  2. भारत सरकार ने जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रणाली को सुद्रीढ एंव सर्वव्यापी बनाने हेतु विजन 2020 निर्धारित किया है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर  वर्ष 2020 तक जन्म के पंजीकरण स्तर को शत प्रतिशत करना, सभी पंजीकृत हुए जन्म हेतु विधिक जन्म प्रमाण पत्र जारी करना तथा सभी संस्थागन मृत्यु को पंजीकृत करना रखा गया है | जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के अंतरगर्त जन्म और मृत्यु के पंजीकरण को अनिवार्य किए जाने 46 वर्षो के पश्चात भारत आज इस क्षेत्र मे पिछड़ा हुआ है |
  3. जन्म और मृत्यु की घटना जिस क्षेत्र मे घटित हुई है उस क्षेत्र के रजिस्ट्रार के यहा जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन होता है | प्रत्येक ग्राम पंचायत/नगरपालिका/नगर परिषद/नगर निगम मुख्यालय पर जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रार का कार्यालय स्थापित है अत: जन्म-मृत्यु की घटना घटित होने के 21 दिन के अंदर रजिस्ट्रार कार्यालय को सूचना देकर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निशुल्क प्राप्त किया जा सकता है |
  4. परिवार की मुखिया या उसके नजदीकी रिश्तेदार द्वारा प्रपत्र-1 मे जन्म की सूचना एंव प्रपत्र-2 मे मृत्यु की सूचना भरकर देनी होती है | 
  5. जन्म का रजिस्ट्रीकरण बच्चे के नाम के बिना भी करवाया जा सकता है | बच्चे का नाम एक वर्ष तक निशुल्क एंव 15 वर्ष के भीतर 5 रुपए विलंभ फीस दिये जाने पर नाम दर्ज कर संसोधित जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त किया  जा सकता है |
  6. यदि बालक/बालिका का पक्का नाम निश्चित नहीं किया गया है तो रजिस्ट्रीकरण के समय नाम का कॉलम मे डेश(-) अंकित कर प्रमाण पत्र जारी किया जाता है |
  7. जिस जन्म एंव मृत्यु की घटना की सूचना 30 दिन से अधिक परंतु एक वर्ष के भीतर स्थानीय रजिस्ट्रार को दी जाती है, उसके लिए निर्धारित प्रारूप पर आवेदक को एक सपथ पत्र देना होगा जो की नोटेरी पब्लिक से तसदीक कराना होगा | इस पर शहरी क्षेत्र हेतु जिला रजिस्ट्रार एंव ग्रामीण क्षेत्र हेतु अतिरिक्त जिला रजिस्ट्रार (विकास अधिकारी) की लिखित अनुज्ञा प्राप्त करनी होगी |
  8. जिस जन्म व मृत्यु की घटना की सूचना एक वर्ष बाद दी जाती है , उसके लिए निर्धारित प्रारूप पर आवेदक को एक सपथ पत्र देना होगा जो की नोटेरी पब्लिक से तसदीक करना होगा | इस पर संबन्धित तहसीलदार/कार्यकारी मजिस्ट्रेट से लिखित अनुज्ञा प्राप्त करनी होगी |
  9. संस्थागत जन्म एंव मृत्यु प्रकरणो मे पंजीयन प्रभारी चिकित्सक के प्रमाणीकरण के आधार पर एक रुपया विलंभ शुल्क देकर बिना किसी अनुज्ञा के प्राप्त किया जा सकता है |
  10. 10 October 2014 से हस्तलिखित बनाए गए प्रमाण पत्र अवैध है सिर्फ ऑनलाइन प्रमाण पत्र ही वैध है |
  11. दिनांक 07.09.2017 के पश्चात जन्म-मृत्यु एंव विवाह पंजीयन मे आधार को अनिवार्य किया गया है | ऐसी संस्थाए यथा जेल, होटल, धर्मशाला इत्यादि मे होने वाली मृत्यु तथा लावारीश  मृतक की दशा मे मृत्यु का पंजीकरण केवल सूचनादाता/आवेदक की आधार उपलब्ध नहीं होने की दशा मे मृत्यु का पंजीकरण केवल सूचनादाता/आवेदक की आधार संख्या एंव स्वघोषणा देकर प्राप्त किया जा सकता है |
  12. विधवा/विधुर के विवाह के पंजीकरण हेतु 1. विवाह के मृतक पक्ष (वर/वधू)  की ओर से माता/पिता अथवा सरंक्षक की ओर से दिये जाने वाला सपथ पत्र नोटेरी द्वारा सत्यापित होना चाहिए 2. सपथ पत्र विधा/विधुर द्वारा पाई पेपर पर नोटेरी द्वारा सात्यपित होना चाहिए तथा 3. विवाह की पुष्टि हेतु दो स्वतंत्र गवाहो के सपथ पत्र अलग-अलग पाई पेपर पर नोटेरी द्वारा सत्यापित होने चाहिए|

रजिस्ट्रेशन से संबंद्ध अधिकारियों/कर्मचारियो के उत्तरदायित्व

  1. जो जन्म या मृत्यु घर पर होती है उसका रजिस्ट्रीकरण करवाने के लिए उस परिवार का मुखिया या मुखिया की अनुपस्थिति मे कोई निकटतम संबंधी उत्तरदायी होगा तथा वह स्थानीय रजिस्ट्रार को घटना की सूचना लिखित या मौखिक रूप से देगा |
  2. जो जन्म या मृत्यु अस्पताल, पूलिस स्टेशन, होटल, धर्मशाला, जेल मे होती है ऐसी घटना की सूचना देने के लिए उस संस्था के प्रभारी अधिकारी को उत्तरदायी बनाया गया है |
  3. ऐसी जन्म-मृत्यु की घटना, जैसे लावारिश मृत व्यक्ति , नवजात शिशु जीवित या मृत घटनाओ के रजिस्ट्रीकरण के लिए गाँव का मुखिया/सरपंच तथा अन्य स्थानो के लिए पोलिस अधिकारी को उत्तरदायी बनाया गया है |
  4. जन्म या मृत्यु के समय उपस्थित दाई या अन्य चिकित्सक या स्वास्थ्य परिचारक को उत्तरदायी बनाया गया है |
  5. शमशान भूमि के पास लकड़ी बेचने वाले, कब्र खोदने वाले या अन्य व्यक्ति को उत्तरदायी बनाया गया है |

एकल अभिभावक / अविवाहित माता की स्थिति मे जन्म का रजिस्ट्रेशन :-

माननीय न्यायालय द्वारा लिए गए निर्णय की अनुपालना मे निर्देश है की एकल अभिभावक/अविवाहित माता की स्थिति मे उनकी कोख से जन्म ली गयी संतान के जन्म प्रमाण-पत्र हेतु आवेदन किए जाने पर मात्र उनके सपथ-पत्र के आधार पर जन्म प्रमाण-पत्र जारी किए जाते है जब तक की न्यायालय द्वारा इसके विपरीत कोई निर्देश नहीं दिये गए हो |
एकल अभिभावक/अविवाहित माता की स्थिति मे जन्म  रजिस्ट्रेशन मे एकल अभिभावक का नाम लिखा जाता है तथा दूसरे अभिभावक का कॉलम खाली छोड़ा जाता है |

गोद लिए गए बच्चो के जन्म रिकॉर्ड मे प्रविष्टि करने परिवर्तन करने की प्रक्रिया 

(1) संस्थानो के माध्यम से गोद लिए गए बच्चे 

संस्थानो के माध्यम से गोद लेने के संबंध मे हो सकता है की अभिभावकों के व्योरों का पता हो अथवा न हो और बच्चे का जन्म का रजिस्ट्रीकरण हुआ हो अथवा न हुआ हो| दोनों मामलो अर्थात जन्म का रजिस्ट्रीकरण हो चुका हो अभी तक न किया गया हो , दोनों की प्रक्रिया अलग-अलग होगी |

(i) जन्म का रजिस्ट्रीकरण नहीं किया गया हो तथा अभिभावक का नाम मालूम हो

(क) यदि गोद लिए गए बच्चे के जन्म का रजिस्ट्रीकरण नहीं किया गया है तो उस मामले मे जिस स्थान पर दतक ग्रहण ऐजेंसी स्थित है उसी स्थान को बच्चे का 'जन्म स्थान ' माना जाएगा | बच्चे की जन्म तिथि का पता न होने की स्थिति मे सी एम ओ अथवा किसी विधिवत लाइसेन्सशुदा  फिजिशयन द्वारा निर्धारित और स्थानीय मजिस्ट्रेट द्वारा जारी दतक आदेश/विलेख मे बताई गयी तिथि को जन्म सूचना प्रपत्र मे बच्चे की जन्म तिथि के रूप मे दर्ज किया जावेगा | जन्म तिथि के अलावा , दतक अभिभावक का नाम तथा दतक अभिभावक का पता जैसा की दतक आदेश/विलेख मे अंतविरिष्ठ है, के आदेश की संख्या और तारीख सहित जन्म सूचना प्रपत्र मे दर्ज किया जावेगा | जन्म सूचना प्रपत्र मे अभिभावक का नाम भी दर्ज किया जाता है |

(ख) उस क्षेत्र का संबन्धित रजिस्ट्रार जहां दतक एजेंसी स्थित है, दतक विलेख तथा विधिवत भरे हुए जन्म सूचना प्रपत्र के आधार पर जन्म दर्ज कर दतक अभिभावक के नाम सहित जन्म प्रमाण पत्र जारी करेगा |

(ii) जन्म का रजिस्ट्रीकरण नहीं किया गया हो तथा अभिभावक का नाम मालूम नहीं हो

(क) यदि गोद लिए गए बच्चे के जन्म का रजिस्ट्रीकरण नहीं किया गया है तो उस मामले मे जिस स्थान पर दतक ग्रहण एजेंसी  स्थित है उसी स्थान को बच्चे का जन्म स्थान माना जाएगा | बच्चे की जन्म तिथि का पता न होने की स्थिति मे  सी एम ओ अथवा किसी विधिवत लाइसेन्सशुदा  फिजिशयन द्वारा निर्धारित और स्थानीय मजिस्ट्रेट द्वारा जारी दतक आदेश/विलेख मे बताई गयी तिथि को जन्म सूचना प्रपत्र मे बच्चे की जन्म तिथि के रूप मे दर्ज किया जावेगा | जन्म तिथि के अलावा , दतक अभिभावक का नाम तथा दतक अभिभावक का पता जैसा की दतक आदेश/विलेख मे अंतविरिष्ठ है, के आदेश की संख्या और तारीख सहित जन्म सूचना प्रपत्र मे दर्ज किया जावेगा | जन्म सूचना प्रपत्र मे अभिभावक के नाम से संबधित कॉलम खाली रहेगा |

(ख) उस क्षेत्र का संबन्धित रजिस्ट्रार जहां दतक एजेंसी स्थित है, दतक विलेख तथा विधिवत भरे हुए जन्म सूचना प्रपत्र के आधार पर जन्म दर्ज कर दतक अभिभावक के नाम सहित जन्म प्रमाण पत्र जारी करेगा |

(iii) जन्म का रजिस्ट्रीकरण किया गया हो 

(क) जन्म को रजिस्ट्रीकृत केवल तभी माना जाएगा जब मूल जन्म प्रमाण पत्र या उसकी प्रति सलंगन की गयी हो | मूल जन्म प्रमाण पत्र मे यथा उल्लेखित जन्म स्थान और जन्म तिथि मे कोई परिवर्तन नहीं होगा तथा उसमे दी गयी जानकारी वही रहेगी | तथापि दतक आदेश/विलेख मे विहित ब्योरो के आधार पर उस रजिस्ट्रार द्वारा जहां जन्म क मूल रूप मे रजिस्ट्रीकरण हुआ है, बच्चे के नाम दतक अभिभावक के नाम और दतक अभिभावक के पते मे अपेक्षित परिवर्तन किया जाता है |

(ख) सम्पूर्ण प्रक्रिया को सुलभ बनाने के उद्देश्य से रजिस्ट्रार जिसके क्षेत्राधिकार मे दतक एजेंसी स्थिति है, विधिवत भरा हुआ जन्म सूचना प्रपत्र दतक आदेश/ विलेख सहित तथा मूल जन्म प्रमाण पत्र की प्रति उस रजिस्ट्रार को भेजेगा जहां जन्म क मूल रूप से रजिस्ट्रीकरण किया गया हो रजिस्ट्रार जन्म के रिकॉर्ड मे बच्चे क नाम, दतक अभिभावक के नाम तथा दतक अभिभावक के पते मे परिवर्तन करने क भी अनुरोध करेगा तथा दतक अभिभावक को उपलब्ध कराये जाने के लिए संसोधित जन्म प्रमाण पत्र उसे भेजेगा |

(2) संस्थाओ से बाहर गोद लिए गए बच्चे

संस्थाओ के माध्यम से गोद लिए जाने के अतिरिक्त अनेक बच्चो को संबधियों/परिचितों द्वारा गोद लिया जाता है | एसे मामले मे भी यह हो सकता है की बच्चे क जन्म रजिस्ट्रीकृत हो अथवा न हो | इन दोनों ही मामलो अर्थात जन्म का रजिस्ट्रीकरण पहले ही हो चुका है अथवा रजिस्ट्रीकरण अभी नहीं हुआ है, उसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया का विवरण नीचे दिया गया है :-

(i) जन्म का रजिस्ट्रीकरण नहीं किया गया है तथा अभिभावक का नाम मालूम है -

(क) यदि गोद लिए गए बच्चे के जन्म का रजिस्ट्रीकरण नहीं किया गया है तो उस मामले मे जिस स्थान पर दतक ग्रहण एजेंसी स्थित है उसी स्थान को बच्चे का जन्म स्थान माना जाएगा | बच्चे की जन्म तिथि का पता न होने की स्थिति मे सी एम ओ अथवा किसी विधिवत लाइसेन्सशुदा  फिजिशयन द्वारा निर्धारित और स्थानीय मजिस्ट्रेट द्वारा जारी दतक आदेश/विलेख मे बताई गयी तिथि को जन्म सूचना प्रपत्र मे बच्चे की जन्म तिथि के रूप मे दर्ज किया जावेगा | जन्म तिथि के अलावा , दतक अभिभावक का नाम तथा दतक अभिभावक का पता जैसा की दतक आदेश/विलेख मे अंतविरिष्ठ है, के आदेश की संख्या और तारीख सहित जन्म सूचना प्रपत्र मे दर्ज किया जावेगा | जन्म सूचना प्रपत्र मे अभिभावक का नाम भी दर्ज किया जाता है |

(ख) उस क्षेत्र का संबन्धित रजिस्ट्रार जहां दतक एजेंसी स्थित है, दतक विलेख तथा विधिवत भरे हुए जन्म सूचना प्रपत्र के आधार पर जन्म दर्ज कर दतक अभिभावक के नाम सहित जन्म प्रमाण पत्र जारी करेगा |

(ii) जन्म का रजिस्ट्रीकरण नहीं किया गया हो तथा अभिभावक का नाम मालूम नहीं है 

(क) यदि गोद लिए गए बच्चे के जन्म का रजिस्ट्रीकरण नहीं किया गया है तो उस मामले मे जिस स्थान पर दतक ग्रहण एजेंसी  स्थित है उसी स्थान को बच्चे का जन्म स्थान माना जाएगा | बच्चे की जन्म तिथि का पता न होने की स्थिति मे  सी एम ओ अथवा किसी विधिवत लाइसेन्सशुदा  फिजिशयन द्वारा निर्धारित और स्थानीय मजिस्ट्रेट द्वारा जारी दतक आदेश/विलेख मे बताई गयी तिथि को जन्म सूचना प्रपत्र मे बच्चे की जन्म तिथि के रूप मे दर्ज किया जावेगा | जन्म तिथि के अलावा , दतक अभिभावक का नाम तथा दतक अभिभावक का पता जैसा की दतक आदेश/विलेख मे अंतविरिष्ठ है, के आदेश की संख्या और तारीख सहित जन्म सूचना प्रपत्र मे दर्ज किया जावेगा | जन्म सूचना प्रपत्र मे अभिभावक के नाम से संबधित कॉलम खाली रहेगा |

(ख) उस क्षेत्र का संबन्धित रजिस्ट्रार जहां दतक एजेंसी स्थित है, दतक विलेख तथा विधिवत भरे हुए जन्म सूचना प्रपत्र के आधार पर जन्म दर्ज कर दतक अभिभावक के नाम सहित जन्म प्रमाण पत्र जारी करेगा |

(iii) जन्म का रजिस्ट्रीकरण किया गया हो:-

(क) जन्म को रजिस्ट्रीकृत केवल तभी माना जाएगा जब मूल जन्म प्रमाण पत्र या उसकी प्रति सलंगन की गयी हो | मूल जन्म प्रमाण पत्र मे यथा उल्लेखित जन्म स्थान और जन्म तिथि मे कोई परिवर्तन नहीं होगा तथा उसमे दी गयी जानकारी वही रहेगी | तथापि दतक आदेश/विलेख मे विहित ब्योरो के आधार पर उस रजिस्ट्रार द्वारा जहां जन्म क मूल रूप मे रजिस्ट्रीकरण हुआ है, बच्चे के नाम दतक अभिभावक के नाम और दतक अभिभावक के पते मे अपेक्षित परिवर्तन किया जाता है |

(ख) यदि दतक आदेश किसी एसे स्थान से जारी किया जाता है जो की उस स्थान से भिन्न हिय जहां जन्म का वास्तविक रूप से रजिस्ट्रीकरण किया गया है तो दतक अभिभावक उस रजिस्ट्रार से संपर्क करेंगे जिसके अधिकार क्षेत्र मे दतक आदेश जारी किया गया है | वह रजिस्ट्रार दतक आदेश/विलेख और मूल जन्म प्रमाण पत्र की प्रति सहित विधिवत भरे गए जन्म सूचना प्रपत्र को उस रजिस्ट्रार के पास भेजेगा जहां जन्म का मूल रूप से रजिस्ट्रीकरण किया गया था | रजिस्ट्रार जन्म संबंधी रिकॉर्डो मे बच्चे के नाम, दतक अभिभावक के नाम, दतक अभिभावक के पते मे परिवर्तन करने का अनुरोध करेगा तथा दतक अभिभावक को उपलब्ध कराये जाने के लिए संसोधित जन्म प्रमाण पत्र उसे भेजेगा |


BIRTH CERTIFICATE, DEATH CERTIFICATE AND MARRIAGE CERTIFICATE GUIDELINES
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4 Comments

  1. Thanks for the latest news. keep continue.. parivahan yojana की सभी जानकारी जाने

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