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समन्‍वित कृषि पद्धति को अपनाने हेतु सहायता (Integrated Farming)

समन्‍वित कृषि पद्धति को अपनाने हेतु सहायता (Integrated Farming):-
वर्षा आधारित क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत समन्‍वित कृषि पद्धति(Integrated Farming) को अपनाने हेतु सहायता देय है जैसे पशु आधारित कृषि पद्धति, उधानिकी आधारित पद्धति तथा पेड आधारित पद्धति। इसके साथ सहायक गतिविधियां जैसे वर्मीकम्‍पोस्‍ट इकाई, खेत तलाई, डीजल पम्‍प, ग्रीन हाउस, मधुमक्‍खी पालन, भूमि सुधार, लो टनल आदि हेतु सहायता दी जाती है।
 उदेद्श्‍य :-
  • क़ृषि को समन्वित क़षि पद्धति द्वारा उत्‍पादक, टिकाउ, लाभकारी तथा जलवायु सहनशील बनाना
  • म़ृदा एवं नमी संरक्षण द्वारा प्राक़ृतिक संसाधनों का संरक्षण।
  • प्रति बूंद अधिक फसल उत्‍पादन हेतु कार्य कुशल जल प्रबंध को प्रोत्‍साहन।
  • क़ृषकों की दक्षता में व़ृद्धि।
 पात्रता :-
  • प्रत्‍येक कृषक को 0.25 हैक्‍टयर से अधिकतम 2 हैक्‍टयर तक सहायता देय है। लघु तथा सीमांत कृषकों को प्राथमिकता दी जाती है।
  • मिशन का क्रियान्‍वयन कलस्‍टर आधारित है जिसमें 100 हैक्‍टयर या अधिक क्षेत्र को शामिल किया जाता है।
देय अनुदान :-
  • पशु आधारित पद्धति:- इस पद्धति में चारे वाली फसलों के साथ्‍ गाय/ भैंस, भेड/ बकरी हेतु सहायता देय है। गाय/भैंस हेतु लागत का 50 प्रतिशत या 40000 रूपये प्रति हैक्‍टयर, भेड/बकरी हेतु 25000 प्रति हैक्‍टयर, अनुदान देय है।
  • उधानिकी आधारित पद्धति- फसल पद्धति के साथ फलदार पौधे-संतरा अमरूद अनार आदि हेतु लागत का 50 प्रतिशत या 25000 रू. प्रति हैक्‍टयर अनुदान देय है।
  • पेड आधारित पद्धति- फसल पद्धति के साथ खेत की मेड पर फलदार पौंधे-नीबूं, करौंधा पपीता खेजडी आदि हेतु लागत का 50 प्रतिशत या 15000 रू. प्रति हैक्‍टयर अनुदान देय है।
  • सहायक गतिविधियों के लिये अनुदान सहायता-
  • फार्म पौण्‍ड निर्माण के लिये लागत का 50 प्रतिशत या 52,500 रू.
  • ग्रीन हाउस निर्माण हेतु लागत का 50 प्रतिशत या 468 रू. प्रति वर्ग मीटर
  • लो टनल पोली हाउस- लागत का 50 प्रतिशत या 30 रू. प्रति वर्ग मीटर
  • मधुमक्‍खी पालन- लागत का 40 प्रतिशत या 800 रू. प्रति कॉलोनी
  • डीजल पम्‍प- लागत का 50 प्रतिशत या 15,000 रू.
  • वर्मीकम्‍पोस्‍ट इकाई (पक्‍का)- लागत का 50 प्रतिशत या 125 रू. प्रति घन फीट अनुसार अधिकतम 50,000 रू.
  • वर्मीकम्‍पोस्‍ट इकाई (एचडीपीई)- लागत का 50 प्रतिशत या 8,000 रू.
आवेदन कैसे करें :
आदान प्राप्ति :
  • फसल पद्धति हेतु आवश्‍यक आदान केवीएसएस/ जीएसएस से, पौंधे उधान विभाग द्वारा पंजीकृत नर्सरी से तथा पशु स्‍थानीय हाट/ मेले/ संस्‍थानों/ पशुपालकों से पूर्ण भुगतान कर प्राप्‍त कर सकते है।
 कहां सम्पर्क करें :-
  • ग्राम पंचायत स्तर पर :- कृषि पर्यवेक्षक
  • पंचायत समिति स्तर पर :- सहायक कृषि अधिकारी
  • उप जिला स्तर पर :- सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) / उद्यान कृषि अधिकारी।
  • जिला स्तर पर :- उप निदेशक कृषि (विस्तार) / उपनिदेशक उद्यान।
नोट: कृपया अधिक व नवीनतम  जानकारी के लिए कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क करे


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समन्‍वित कृषि पद्धति को अपनाने हेतु सहायता (Integrated Farming)

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