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MUKHYMANTRI KISAN MITRA YOJANA 2021

 MUKHYMANTRI KISAN MITRA YOJANA 2021, मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना



दोस्तों राजस्थान सरकार ने किसानो की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए  मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना की घोषणा की दोस्तों इस योजना की सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ा जावे | इस योजना के माध्यम से बिजली के बिल में अनुदान प्रदान करने की योजना है |

Mukhyamantri Kisan Mitra Urja Yojana

इस योजना को राजस्थान सरकार के  मुख्यमंत्री  द्वारा 9 जून 2021 को आरंभ किया गया है। Mukhyamantri Kisan Mitra Urja Yojana के माध्यम से प्रदेश के मीटर्ड किसान उपभोक्ताओं को बिजली के बिल पर अनुदान प्रदान किया जाता है। यह अनुदान राशि प्रतिमाह अधिकतम ₹1000 रुपए एवं प्रतिवर्ष अधिकतम ₹12000 रुपए है। इस योजना के अंतर्गत सभी पात्र कृषि उपभोक्ताओं को VIDHYUT VITARAN NIGAM द्वारा दो माह के  बिलिंग व्यवस्था के आधार पर बिजली का बिल जारी किया जाएगा। बिजली के बिल की 60% राशि अनुपातिक आधार पर प्रतिमाह देय होती है। यह राशि अधिकतम ₹1000 प्रतिमाह होती है। मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना का लाभ सभी किसान उपभोक्ताओं को मई 2021 से मिलना आरंभ हो जाएगा। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए सरकार द्वारा 1450 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे।


मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना का उद्देश्य

Mukhyamantri Kisan Mitra Urja Yojana 2021 का मुख्य उद्देश्य किसानों को बिजली के बिल पर अनुदान प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से किसानों के  बिजली के बिल पर अधिकतम 1000 रूपए  प्रतिमाह अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। जिससे कि किसान उपभोक्ताओं को अपने बिल का भुगतान करने में सहायता प्राप्त होगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना के माध्यम से किसानों को बिजली की बचत करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। जिसके लिए यदि किसान का बिल ₹1000 प्रति माह से कम का आता है तो इस स्थिति में बिल की राशि एवं अनुदान राशि के बीच का अंतर लाभार्थी के खाते में Transfer  किए जाएगा।

ऐसे समझे : इस तरह से मिलेगा फायदा

यदि किसी किसान का बिजली बिल 900 रुपये आते है तो उसे 60 प्रतिशत यानि 540 रूपये डायरेक्ट सब्सिडी मिल जाएगी | किसान को 40 प्रतिशत बिल 360 रूपये जमा करवाना होगा | सरकार 1000 रूपये की सब्सिडी देने के लिए 460 रूपये किसान के बैंक खाते में सब्सिडी जमा करवा देगी | यदि बिल 2000 का आएगा 60 प्रतिशत सब्सिडी बनती है , लेकिन सब्सिडी की अधिकतम सीमा एक हजार रूपये ही है | ऐसे में किसान को 1000 रूपये का बिल जमा करवाना होगा |


किसानो को यह करना होगा : आधार बैंक खाते को योजना से जुडवाना होगा 

मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना का फायदा लेने के लिए किसानो को अपने आधार संख्या व बैंक खाते को योजना से जुडवाना होगा | बिजली बिल समय पर जमा करवाना होगा | बिजली बिल बकाया होने पर सब्सिडी नहीं मिलिगी | बकाया बिल का पेमेंट करने पर अनुदान राशी अगले बिल में देय होगी | योजना लागु होने के महीने से पहले की बकाया राशी को सब्सिडी में समायोजित नहीं किया जाएगा | यदि कोई किसान बिजली का कम उपभोग करता है और उसका बिल एक हजार रूपये से कम है तो वास्तविक बिल व सब्सिडी राशी का अंतर उसके बैंक खाते में जमा करवाया जाएगा | 

मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना की पात्रता

  • आवेदक राजस्थान का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  • केवल राजस्थान के कृषि उपभोक्ता ही इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
  • इस योजना का लाभ केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा नहीं उठाया जा सकता।
  • यदि आप इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आपकी आधार संख्या आपके खाते से लिंक होनी अनिवार्य है।

संभावित आवश्यक दस्तावेज


  • जन आधार कार्ड
  • आधार कार्ड
  • बैंक खाता विवरण
  • निवास प्रमाण पत्र
  • राशन कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
  • मोबाइल नंबर

दोस्तों  मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना के अंतर्गत आवेदन अभी प्रारम्भ नहीं हुवे है  आपको कुछ समय इंतजार करना होगा। जैसे ही राज्य  सरकार द्वारा इस Mukhyamantri Kisan Mitra Urja Yojana 2021 के अंतर्गत आवेदन मांगे जावेंगे आपको पोस्ट करके बता दिया जावेगा | योजना की सम्पूर्ण जानकारी के लिए विभाग की वेबसाइट पर जाये यह ब्लॉग सिर्फ आपको आसान भाषा में समझाने मात्र के लिए बनाया गया है  आधिकारिक जानकारी के लिए नहीं |

नोट: दोस्तों यह पोस्ट मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना की जानकारी के लिए बनायीं गयी राज्य सरकार की अधिकारिक Guidelines आते ही आपको डिटेल्स से बताया जावेगा |
इस योजना का लाभ किसान उपभोक्ता द्वारा तभी उठाया जा सकता है जब लाभार्थी के विरुद्ध विद्युत वितरण निगम में कोई बकाया नहीं है इसके अलावा यदि किसी किसान द्वारा बिजली  का बिल ₹1000 से कम आता है तो बिल की राशि एवं अनुदान राशि के बीच का अंतर लाभार्थी के खाते में जमा करवा दिया जाएगा।

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